बजट 2019 : शिक्षा सस्ती करने के लिए GST में राहत दे सकती है सरकार, मंत्री ने किया वादा
इस साल का अंतरिम बजट 1 फरवरी को आएगा. इसमें बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश दिलाने की तैयारी कर रहे अभिभावकों को अच्छी खबर मिल सकती है. सरकार एजुकेशन सेक्टर में कुछ सेवाओं में वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों पर दोबारा विचार करने के लिए तैयार है.
वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल का कहना है कि अगर सरकार को इसके पक्ष में मजबूत आधार मिला तो वह शिक्षा क्षेत्र में GST की समीक्षा पर विचार करेगी. (फाइल फोटो)
वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल का कहना है कि अगर सरकार को इसके पक्ष में मजबूत आधार मिला तो वह शिक्षा क्षेत्र में GST की समीक्षा पर विचार करेगी. (फाइल फोटो)
इस साल का अंतरिम बजट 1 फरवरी को आएगा. इसमें बच्चों को उच्च शिक्षा में प्रवेश दिलाने की तैयारी कर रहे अभिभावकों को अच्छी खबर मिल सकती है. सरकार एजुकेशन सेक्टर में कुछ सेवाओं में वस्तु एवं सेवा कर (GST) दरों पर दोबारा विचार करने के लिए तैयार है. वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ल ने हाल में इसकी तस्दीक की. उनका कहना है कि अगर सरकार को इसके पक्ष में मजबूत आधार मिला तो वह शिक्षा क्षेत्र में GST की समीक्षा पर विचार करेगी.
वित्त मंत्री जेटली से सिफारिश करेंगी केंद्रीय मंत्री
समाचार एजेंसी आईएएनएस की खबर के मुताबक कंसलटिंग समूह स्ट्रेटफर्स्ट और उद्योग निकाय एसोचैम की शिक्षा, उद्यम और रोजगार की अपेक्षाओं पर बजट-पूर्व परिचर्चा में शुक्ल ने कहा कि हालांकि हर क्षेत्र से कर घटाने की मांग की जा रही है और देश को चलाने के लिए विशाल राजस्व की जरूरत है, आप शिक्षा क्षेत्र के कुछ घटकों पर कर की समीक्षा की सिफारिशें कर सकते हैं. शुक्ल ने कहा कि अगर कुछ घटकों पर कर की दरों के पुनर्विचार का मजबूत कारण हो तो मैं आपको आश्वस्त करता हूं कि यह मामला मैं वित्त मंत्री अरुण जेटली के समक्ष रखूंगा.
कहां लगता है जीएसटी
जीएसटी (GST) व्यवस्था जुलाई 2017 में लागू हुई थी, इसका असर शिक्षा पर भी पड़ा था. हालांकि सरकार ने प्री-स्कूल से हायर सेकंडरी स्कूल या उसके समकक्ष को जीएसटी से छूट दी थी लेकिन उच्च शिक्षा को इसके दायरे में रखा गया था. इसमें ट्रांसपोर्टेशन, कैटरिंग, हाउसकीपिंग, प्रवेश और परीक्षा कराने पर जीएसटी लागू किया गया था. उच्च शिक्षण संस्थानों ने 1 जुलाई 2017 के बाद छात्रों से GST वसूलना शुरू कर दिया था.
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कितना लग रहा जीएसटी
उदाहरण के तौर पर जो छात्र उच्च शिक्षा के लिए 1 साल में 1 लाख रुपए फीस भर रहा था. उसे GST से पहले 3000 रुपए टैक्स देना पड़ता था लेकिन इसके लागू होने के बाद यह बढ़कर 15000 रुपए सालाना हो गया. यानि टैक्स की दर अलग-अगल शैक्षिक सेवाओं पर 12% से 18% के आसपास है.
01:12 PM IST